वोटर अधिकार यात्रा समापन ने दिखाए एक जुटता और बदलाव की राह

– पटना का गांधी मैदान एक बार फिर इतिहास की गवाह बना। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में भारी जन सैलाब उपस्थित हुए, जहाँ हजारों की भीड़ “गद्दी छोड़ो” के नारों से मैदान गुंजायमान कर दिया। 25 जिलों से होकर गुजरने वाली इस 1300 किलोमीटर की यात्रा ने बिहार की सत्ता समीकरणों को हिला दिया है।

गांधी मैदान: परिवर्तन का ऐतिहासिक साक्षी

बिहार की राजनीति में गांधी मैदान का अपना विशिष्ट स्थान है। यहाँ जब भी जनसैलाब उमड़ा है, राज्य की सियासत में बड़ा बदलाव देखा गया है:

1974-75: जयप्रकाश नारायण का सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन – जब लोकनायक जेपी ने गांधी मैदान से “सम्पूर्ण क्रांति अब नारा है” का उद्घोष किया था, तो न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की राजनीति बदल गई थी। उस आंदोलन के बाद केंद्र में इंदिरा गांधी की सरकार गिरी और आपातकाल का अंत हुआ।

1977-89: कर्पूरी ठाकुर की जनसभाएं – जनता पार्टी के दौर में कर्पूरी जी की सभाओं ने सामाजिक न्याय की राजनीति की नींव रखी। उनकी नीतियों ने बिहार में पिछड़े वर्गों की राजनीतिक चेतना जगाई।

1990: लालू प्रसाद यादव का उदय – गांधी मैदान से लालू जी की हुंकार ने बिहार की राजनीति में “MY” (मुस्लिम-यादव) समीकरण स्थापित किया। इसके बाद 15 साल तक बिहार की सत्ता पर उनका कब्जा रहा।

2005: नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा – नीतीश कुमार की “सुशासन” की राजनीति की शुरुआत भी गांधी मैदान से हुई थी। उनकी सभाओं के बाद बिहार में विकास की नई कहानी शुरू हुई।

आज का ऐतिहासिक दिन

समापन समारोह में जब राहुल गांधी ने मंच  पर कदम रखा, तो पूरा मैदान “गद्दी छोड़ो, गद्दी छोड़ो” के नारों से गूंज उठा। यह नारा वर्तमान सरकार के खिलाफ जन आक्रोश का प्रतीक बन गया।

पटना में गांधी मैदान में ही यह रैली हुई थी — राहुल गांधी की यह “वोटर अधिकार यात्रा” का समापन समारोह था, राहुल गांधी ने पटना डाक बंगला चौराहे पर आयोजित सभा मेंवोट चोरी को लेकर हमला किया सभा में भारी जनसैलाब जुटा था ।


प्रमुख नेताओं के वक्तव्य का सारांशl

राहुल गांधी –

उन्होंने भाजपा पर तीखे हमले साधे, “वोट चोरी” और संविधान हत्या जैसे गंभीर आरोप लगाए; साथ ही “एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम” जैसे कड़े राजनीतिक संकेत भी दिए ।  राहुल गांधी ने भावुक होते हुए कहा: “यह वही मैदान है जहाँ जयप्रकाश जी ने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई थी। आज हम फिर उसी भावना के साथ यहाँ खड़े हैं। ‘गद्दी छोड़ो’ का यह नारा केवल सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन का संकेत है।”

मल्लिकार्जुन खड़गे

मल्लिकार्जुन खरगे मत अधिकार की रक्षा की अपील, गांधी–अंबेडकर के आदर्शों की रक्षा, चुनाव आयोग को चेतावनी उन्होंने चुनाव आयोग और बीजेपी पर आरोप लगाए और बिहारवासियों से अपने मताधिकार की रक्षा के लिए सचेत रहने की अपील की । उन्होंने महात्मा गांधी और बाबासाहेब अंबेडकर के द्वारा दिए गए अधिकारों का संरक्षण करने की बात भी कही ।मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष) ने कहा: “गांधी मैदान की यह मिट्टी परिवर्तन की साक्षी है। जेपी बाबू से लेकर आज तक, यहाँ जब भी जनता का स्वर उठा है, इतिहास बदला है। आज फिर यहाँ से बदलाव की शुरुआत हो रही है।”

तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव लोकतंत्र बनाम राजतंत्र का मंच, नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप। तेजस्वी यादव, RJD नेता – उन्होंने इसे “लोकतंत्र बनाम राजतंत्र” की लड़ाई करार दिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार का “भीष्म पितामह” बताया । तेजस्वी यादव ने जोश भरे अंदाज में कहा: “पिता श्री लालू जी ने इसी मैदान से सामाजिक न्याय की राजनीति की शुरुआत की थी। आज हम उसी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए यहाँ हैं। यह यात्रा महागठबंधन की वापसी का संकेत है।”

जनता का उत्साह और प्रभाव

शहरी मध्यम वर्ग: “गद्दी छोड़ो” के नारे शहरी शिक्षित युवाओं में विशेष लोकप्रिय रहे। महंगाई और बेरोजगारी से परेशान युवा वर्ग ने इस यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

ग्रामीण क्षेत्र: किसान समुदाय में वोटर अधिकार यात्रा का व्यापक समर्थन दिखा। विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों ने इस आंदोलन को अपना माना।

सामाजिक गठबंधन: दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की बड़ी उपस्थिति ने दिखाया कि सामाजिक न्याय की राजनीति फिर से जिंदा हो रही है

महिला भागीदारी: महिलाओं की व्यापक उपस्थिति ने इस यात्रा को एक व्यापक जनआंदोलन का रूप दे दिया।

नया अध्याय?

राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का समापन गांधी मैदान में केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है। “गद्दी छोड़ो” के नारों से गूंजता यह मैदान फिर से इतिहास रचने की तैयारी में लग रहा है।

गांधी मैदान की ऐतिहासिक परंपरा और आज की जनसभा के बीच समानताएं स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। यदि इतिहास अपने आप को दोहराता है, तो बिहार की राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

आरएस शर्मा 

पूर्व अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी क्रमांक 3 भिलाई नगर

विशेष आमंत्रित सदस्य भिलाई शहर जिला कांग्रेस कमेटी

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