जन्मदिन मनाने का  चलन हो आज छोटे बच्चों से लेकर बड़े तक जन्मदिन मानने लग गए हैं जन्मदिन आज आनंद का त्यौहार हो गया है जहां परिवार के प्रत्येक सदस्य इसे विशेष दिन के रूप में मनाते हैं परंतु अगर हम हिंदू धर्म में देखे तो हिन्दू धर्म में तो यह अवतारों के युग से शुरु है रामनवमी और कृष्ण जन्माष्टमी इसके उदाहरण है वो परंपरा आज भी जारी है।

जन्मदिन मनाने का चलन तो भारत में था नहीं। हां, किन्तु पश्चात् सभ्यता से प्रेरित भारतीय फिल्मों ने “Happy Birthday” को देश भर में फ़ैलाने का कार्य कियासन 1990 के दशक से बर्थडे मनाने का चलन भारत में तेज़ी से बढ़ा जो आज बड़े शहर से होता हुआ छोटे शहर फिर कहीं कहीं गांव तक भी जा पहुंचा है।

अन्य धर्मों में भी जन्म दिन मनाया जाता है। पर हिन्दू धर्म में मोमबत्ती जलाकर बुझाना या केक काटना जैसे रिवाज नही थे। ये क्रिश्चियन और पारसीयो में होता है। जिसको आधुनिक बनने के चक्कर में भारतीयों नै भी अपनाया है।

जन्मदिन मनाने की प्रथा बहुत पुरानी है। इसके सबसे शुरुआती प्रमाण प्राचीन मिस्र से मिलते हैं, लगभग 3000 ईसा पूर्व से. प्राचीन मिस्र में, राजाओं के जन्मदिन (वास्तव में, उनके राज्याभिषेक की तारीख) को महत्वपूर्ण रूप से मनाया जाता था, क्योंकि वे देवताओं के रूप में जन्म का प्रतीक थे. बाद में, इस परंपरा ने प्राचीन रोम में आम लोगों तक भी पहुंचना शुरू कर दिया, जहाँ मित्र और परिवार जन्मदिन वाले व्यक्ति को शुभकामनाएं देते थे. 

प्राचीन मिस्र:

प्राचीन रोम:

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:

आरएस शर्मा

प्रियदर्शनी परिसरपूर्व सुपेला भिलाई भिलाई छत्तीसगढ़

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