
छत्तीसगढ़ के चित्रकूट तीरथगढ़ महादेव घूमर चित्रधारा सप्तधारा तामड़ा रानी दरहा चर्रे मर्रे मलज कुंडलम एवं अन्य जलप्रपात के बारे में जानिए
छत्तीसगढ़ प्राकृतिक दृश्यों से एक संपन्न राज्य है जिसकी अपनी प्राकृतिक अपने आप में अंगूठी है कहीं पर नदी कहीं पर्वत तो कहीं राष्ट्रीय उद्यान तो कहीं वन जीव अभ्यारण है आज हम छत्तीसगढ़ के जलप्रपात ओं के संबंध में जानते हैं छत्तीसगढ़ के जलप्रपात ओं को हम दो भागों में बांटते हैं पहले उच्च भूमि पर उत्तरी भाग में स्थित सरगुजा संभाग है तथा बस्तर के दक्षिण में उच्च भूमि पर स्थित बस्तर संभाग है तो सबसे पहले हम बस्तर संभाग के जलप्रपात ओं के संबंध में जानकारी लें
चित्रकूट जलप्रपात जगदलपुर से 39 किलोमीटर दूर पर इंद्रावती नदी पर लोहंडीगुड़ा तहसील में बनता है यह छत्तीसगढ़ के सबसे चौड़ी 300 फीट वाला जलप्रपात है तथा यह 90 फीट ऊंचाई से गिरता है इसे भारत का नियाग्रा कहा जाता है यह बस्तर जिले में है
तीरथगढ़ जलप्रपात यह जलप्रपात जगदलपुर से 29 किलोमीटर दूरी पर कांगेर घाटी में स्थित है यह राज का सबसे ऊंचा जलप्रपात है यह जलप्रपात 300 फीट ऊपर से पानी नीचे गिर आता है य तीरथगढ़ जलप्रपात को देखने का सबसे अच्छा समय बारिश के मौसम के साथ-साथ अक्टूबर से अप्रैल तक अच्छा रहता है यह छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा जलप्रपात है

महादेव घूमर जलप्रपात जगदलपुर से करें 27 किलोमीटर दूरी पर स्थितियां मावली भाठामें महादेव घूमर स्थित है इसे पुजारी धारा जलप्रपात भी कहा जाता है यह कई शीला खंडों से होता हुआ 15 से 20 फीट ऊंचाई से गहरी खाई में चला जाता है
गुप्तेश्वर जलप्रपात बस्तर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3पर है जगदलपुर से 22 किलोमीटर दूरी पर सुकमा जिले कोलाब शबरी नदी पर गुप्तेश्वर नामक स्थान पर या सुंदर जलप्रपात स्थित है

चित्रधारा जलप्रपात बस्तर जिले से 13 किलोमीटर दूर करंजी गांव के समीप एक पहाड़ी से खंड खंड में गिरते पानी वाला एक आकर्षण जलप्रपात है

दंतेवाड़ा में इंद्रावती नदी पर स्थित सप्त धारा जलप्रपात छत्तीसगढ़ का अत्यंत रमणीय पर्यटक स्थल है सतधारा को छत्तीसगढ़ का भेड़ाघाट भी कहते हैं यह जलप्रपात बोधघाट पहाड़ी से गिरते हुए क्रमश बोध धारा कपिलधारा पांडव धारा कृष्ण धारा शिव धारा बाढ़ धारा बाला धारा और शिव अर्चन धारा नामक सात धाराओं का निर्माण करता है सघन वन में होने के कारण शब्द धारा जलप्रपात की रमणीय था और भी बढ़ जाती है

तामड़ा जलप्रपात यह जलप्रपात बस्तर जिले के चित्रकूट के 3 किलोमीटर पहले दक्षिण पश्चिम दिशा में तामड़ा बाहर नदी पर स्थित है यहां का पानी करीब 125 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरता है

रानी दरहा जलप्रपात याद दंतेवाड़ा जिले के कुंटा तहसील में स्थित है विकासखंड मुख्यालय छिंदगढ़ से 30 किलोमीटर दूरी पर सबरी पार गांव के समीप स्थित है रानी दरहा के आसपास सबरी नदी का जल गहरा होने के कारण धरसा हुआ नजर आता है

चर्रे मर्रे जलप्रपात कांकेर जिले में अंतागढ़ आमा बेड़ा वन मार्ग पर पिजा रीन घाटी में यह जलप्रपात स्थित हैउत्तर पश्चिम दिशा में जलप्रपात का गिरता हुआ पानी अलग-अलग कुंडों के रूप में एकत्रित होकर दक्षिण दिशा में लंबा फासला तय कर कोटरी नदी में मिलता है

मजलकुंडलम जलप्रपात यह जलप्रपात कांकेर जिला मुख्यालय से दक्षिण पश्चिम में 17 किलोमीटर की दूरी पर दूध नदी पर स्थित है यहां पहाड़ियों पर स्थित एक कुंड से नीचे गिरती जलधारा अलौकिक दृश्य पैदा करती है
मल गैर इंदुल जलप्रपात यह जलप्रपात दंतेवाड़ा कौन सा तहसील में स्थित है बैलाडीला पहाड़ियों से निकलने वाली मंदिर नदी पर स्थित इस पर्वतीय जलप्रपात का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है

पुलपाड़ इंदुल जलप्रपातबैलाडीला से पहले दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से सुकमा मार्ग पर नकुलनार के निकट कुलपहाड़ गांव में स्थित झरना को कुलपहाड़ इंदुल के नाम से जाना जाता है यहां पहाड़ियों से गिरती हुई कई धाराओं में बटी जल राशि जलप्रपात के सौंदर्य को कई गुना बढ़ा देती है

लेख आर एस शर्मा
विशेष आमंत्रित सदस्य भिलाई शहर जिला कांग्रेस कमेटी